अपने पराये
₹65.00
(1894 & 1989)
शिक्षा : एम.एस.सी.
प्रथम उपन्यास ‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं।
विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद्, दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन आरम्भ किया तो उनको ज्ञान का अथाह सागर देख उसी में रम गये।
Description
मानव-समाज का निर्माण तो मनुष्य-मनुष्य में सम्बन्ध बनने से ही हुआ है। समाज का बीज स्त्री-पुरुष के सम्बन्ध में है। इसी सम्बन्ध का विस्तार परिवार और फिर जाति, बिरादरी, राष्ट्र और अंत में मानव समाज है।
परन्तु देखा जाता है कि मानव जहाँ समाज बनाकर रहना चाहते हैं वहाँ वे परस्पर लड़ने-झगड़ने अर्थात् शत्रुता करने तथा युद्ध करने में भी अपना हित मानते हैं।
Additional information
Weight | 100 kg |
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