परम्परा
₹70.00
भगवान श्रीराम के जीवन की कुछ घटनाओं को आधार बनाकर यह उपन्यास लिखा गया है।
वैसे तो श्री राम के जीवन पर सैकड़ों ही नहीं, सहस्रों रचनाएं लिखी जा चुकी हैं, इस पर भी जैसा कि कहते हैं-
Description
भगवान राम परमेश्वर का साक्षात अवतार थे अथवा नहीं, इस विषय पर कुछ न कहते हुए यह तो कहा ही जा सकता है कि उन्होंने अपने जीवन में जो कार्य सम्पन्न किया वह उनको एक अतिश्रेष्ठ मानव पद पर बैठा देता है। लाखों, करोड़ों लोगों के आदर्श पुरुष तो वह हैं ही। और भारत वर्ष में ही नहीं बीसियों अन्य देश में उनको इस रूप में पूजा जाता है। राम कथा किसी न किसी रूप में कई देशों में प्रचलित है।
Additional information
Weight | 100 kg |
---|---|
Bookpages | |
author name | |
book_id |
Reviews
There are no reviews yet.