‘‘सब गधे इकट्ठे हे गये हैं।’’ शहंशाह अपनी रिश्ते में अम्मी, परन्तु मन से प्रेमिका और प्रत्यक्ष में बहन महताब बेगम को कह रहा था। शहंशाह अजमेर से अभी-अभी लौटा…
हमारी यह मान्यता रही है कि उपन्यास-सम्राट् स्व० श्री गुरुदत्त कालातीत साहित्य के स्रष्टा थे। साहित्य का, विशेषतया उपन्यास साहित्य का, सबसे बड़ा समालोचन समय होता है। सामान्यता यह देखने…
8 दिसम्बर 1894 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे श्री गुरुदत्त हिन्दी साहित्य के एक देदीप्यमान नक्षत्र थे। वह उपन्यास-जगत् के बेताज बादशाह थे। अपनी अनूठी साधना के बल पर…
रविवार मध्याह्न के भोजनोपरान्त सन्तराम का परिवार कोठी के ड्राइंग रूम में एकत्रित हो गया। सन्तराम ने घर में यह प्रथा चला रखी थी कि प्रति सप्ताह रविवार के दिन…
आजीवन साहित्य साधना में लीन रहने वाले गुरूदत्त का नाम अजर व अमर है; जिन्होंने अपने उत्कृष्ट साहित्य से अपना व भारत भूमि का नाम विदेशों में आलौकिक किया और…
यह जगत एक अत्यन्त आश्चर्यमय, विस्मयजनक और रहस्ययुक्त घटना है। यह कितना बड़ा है, इसमें क्या-क्या पदार्थ हैं, वे पदार्थ कहां कहां है, कैसे बने वे, और कब बने और…