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भगवान भरोसे

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अमर लेखक श्री गुरुदत्त की एक सशक्त कृति पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
एक सफल लेखक समाज में हो रहे परिवर्तनों को न केवल अपने पात्रों के माध्यम से अत्यन्त रोचक तथा मनोरंजक ढंग से दर्शाता है, साथ ही नित्य उत्पन्न होने वाली नई समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करता है।
कुछ वास्तविक घटनाओं को काल्पनिक पात्रों में गूँथ कर एक रोचक उपन्यास पाठकों के समक्ष रखना सिद्ध करता है श्री गुरुदत्त एक सर्वकालीन लेखक हैं।

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Description

जीवन में सफलता प्राप्त करने का उपाय योग-साधना है। किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए उस कार्य में लगने से पूर्व चित्त की वृत्तियों का निरोध करना आवश्यक होता है। अर्थात् चित्त को एकाग्र कर उस कार्य में लग जाने से कार्य सिद्ध हो जाता है। यही योग है-

योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:

और योग-साधना के लिए प्रथम पग है यम और नियमों का पालन करना। यम और नियम दस है-

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