चंचरीक
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कमला निर्धन माता-पिता की लड़की थी। उसके पिता एक धनी सेठ के घरेलू नौकर थे, इस कारण ये भी धनियों के एक मुहल्ले में रहते थे। साधु के मालिक लाला हरसुखराय ने अपने घर की सबसे नीचे की मंजिल पर एक कमरा कमला के पिता साधु को परिवार सहित रहने के लिए दे रखा था जिसमें साधु, उसकी लड़की कमला और पत्नी सुलक्षणा रहते थे।
सुलक्षणा, जो मुहल्ले वालों में सुलक्खी के नाम से पुकारी जाती थी, तीन-चार घरों में चौका-वासन करती थी। इस प्रकार अपने घरवाले की आय में वह थोड़ी वृद्धि कर देती थी। साधु हरसुखराय के घर की चौकीदारी और बाजार से सौदा लाने का काम करता था। कमला साधु की एकमात्र सन्तान थी।
Description
सब लड़कियों की भाँति कमला भी लड़कियों के विवाह देखने में बहुत रुचि रखती थी। मुहल्ले में किसी का विवाह होता तो वह वहाँ जाकर देखने लगती। विशेष रूप से लड़की के विदा किए जाने को देखना तो वह टाल ही नहीं सकती थी। कई बार तो विदाई रात के बारह एक बजे होती और वह तब तक जागती रहती। कदाचित् दुलहिन के वस्त्राभूषण उसके लिए आकर्षण का विषय होते थे। धनियों की बेटियाँ धनी श्वसुरालों में जाती थीं और विदाई के समय श्वसुराल के भूषण-वस्त्र पहने हुए लड़की को देखने में किसी भी लड़की के लिए रुचि का विषय होना स्वाभाविक था।
Additional information
Weight | 100 kg |
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