यह संसार
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प्रथम उपन्यास ‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं।
विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद् दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन आरम्भ किया तो उनको अथाह सागर देख उसी में रम गये।
Description
यह संसार’ स्व. श्री गुरुदत्त का पारिवारिक-सामाजिक उपन्यास है। इसमें धर्म और मजहब की विस्तार से विवेचना की गई है। यत्र-तत्र राष्ट्रीयता का वर्णन भी इस उपन्यास में किया गया है। मनुष्य के वैयक्तिक, पारिवारिक और सामाजिक आचरण पर इस उपन्यास में विस्तार से प्रकाश डाला गया है। मनुष्य का पहरावा और खान-पान तथा रहन-सहन किस प्रकार मनुष्य अथवा समाज को प्रभावित करते हैं, इसका विशद वर्णन उपलब्ध है।
Additional information
Weight | 100 kg |
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