बुद्धि बनाम बहुमत
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श्री गुरुदत्त जी ने पिछले 60 वर्षों से देश की राजनीति का गम्भीर अध्ययन किया है और लगभग 15 वर्ष तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया है। राजनीति के गहन अध्ययन का परिचय हमें उनकी रचनाओं में मिलता है।
आज देश की राजनीति कितनी ओछी हो चुकी है, यह पाठकों को बताने की आवश्यकता नहीं रही। समाचार-पत्र इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। और यह भी तथ्य है कि सभी राजनातिक दल इसमें दोषी हैं।
Description
एक बार सुप्रसिद्ध नेता लाला लाजपतराय महात्मा गांधी का विरोध करने चल पड़े थे। यह सन् 1921 की बात है। कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन नागपुर में हो रहा था। इस अधिवेशन में गांधीजी न-मिलवर्तन का प्रस्ताव उपस्थित करने वाले थे। कांग्रेस के प्रायः नेता भी लालाजी के साथ गांधीजी के प्रस्ताव का विरोध करना चाहते थे।
Additional information
Weight | 100 kg |
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