गृह संसद Currently Under Print
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रविवार मध्याह्न के भोजनोपरान्त सन्तराम का परिवार कोठी के ड्राइंग रूम में एकत्रित हो गया।
सन्तराम ने घर में यह प्रथा चला रखी थी कि प्रति सप्ताह रविवार के दिन सारा परिवार एक स्थान पर बैठ, घर के विषयों पर विचार-विनिमय किया करता था। सन्तराम इसको गृह-संसद का नाम देता था और घर की सब बातें इसमें विचार तथा निर्णय के लिए उपस्थित की जाती थीं।
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Description
सन्तराम स्वयं इस संसद का प्रधान था और उसकी पत्नी शकुन्तलादेवी ‘गृहमन्त्री’ थी। इस संसद में दो ही पदाधिकारी थे। इसके सदस्य घर के बच्चे थे। सन्तराम की सबसे बड़ी लड़की दुर्गा इस समय इण्टर फर्स्ट ईयर में पढ़ती थी। शेष सब बच्चे उससे छोटे थे। सबसे छोटा दिलीप था। वह सात वर्ष का था।
Additional information
Weight | 100 kg |
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