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मृगतृष्णा

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व्यक्ति चाहे मूर्ख हो अथवा विद्वान, क्या यह संभव है सभी को एक सामान सुविधाए।? समाजवाद – समाज के निम्न वर्ग को यही स्वपन दिखता है जो असंभव है । वास्तव में यही मृगतृष्णा है। मूर्ख लोग इसी मृगतृष्णा के जाल में उलझे रहते हैं और तथा कथित समाजवादी गुलछर्रे उड़ाते रहते हैं।

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व्यक्ति चाहे मूर्ख हो अथवा विद्वान, क्या यह संभव है सभी को एक सामान सुविधाए।? समाजवाद – समाज के निम्न वर्ग को यही स्वपन दिखता है जो असंभव है । वास्तव में यही मृगतृष्णा है। मूर्ख लोग इसी मृगतृष्णा के जाल में उलझे रहते हैं और तथा कथित समाजवादी गुलछर्रे उड़ाते रहते हैं।

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Weight 300 kg
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Shri Gurudutt

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