लुढ़कते पत्थर
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स्वर्गीय श्री गुरुदत्त ने सामाजिक, सांस्कृतिक पारिवारिक उपन्यासों के साथ-साथ ऐतिहासिक उपन्यासों की भी रचना की है। इतिहास और ऐतिहासिक उपन्यास, के अन्तर को स्वयं श्री गुरुदत्त भली-भाँति जानते और समझते थे तथा अपने उपन्यासों के माध्यम से उन्होंने इस अन्तर को अपने पाठकों को भी भली-भाँति समझाने का यत्न किया है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि इतिहास की अपेक्षा उपन्यास जीवन के अधिक निकट होता है
Description
इतिहास शुष्क विषय माना जाता है, जबकि उपन्यास रोचक होता है। स्वयं श्री गुरुदत्त ने ऐतिहासिक घटनाओं का अपने ऐतिहासिक उपन्यासों में जहाँ एक ओर याथातथ्य वर्णन करने का यत्न किया है वहाँ उन्होंने उन्हीं पात्रों के माध्यम से उनमें रोचकता का पुट भी दिया है। कहीं-कहीं उनको अपने काल्पनिक पात्रों का समावेश भी करना पड़ा है। तदपि उनको पढ़ने से यह आभास तक नहीं होता कि ये पात्र काल्पनिक हैं। उपन्यास के कथानक का वे अभिन्न अंग होते हैं।
Additional information
Weight | 100 kg |
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