Description
भारतीय विचारों से ओत प्रोत प्रत्येक व्यक्ति आत्मा के अस्तित्व को मानता है। वह यह भी मानता है कि आत्मा इस शरीर में केवल कुछ काल के लिए बंदी है जो उसकी अनंत यात्रा का एक पड़ाव है, परन्तु अधिकतर लोग इसे जानते नहीं। कुछ यह जान कर भी भूलें करते हैं । वे अपने इस पड़ाव को कष्टमय बना लेते हैं। आंशिक सुख के लिए वे इस लोक व् परलोक अर्थात इस जन्म व् अगले जन्म दोनों में कष्ट पाते हैं। इसी विषय पर एक अत्यंत रोचक कथानक।
Additional information
Weight | 300 kg |
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author_name | Shri Gurudutt |
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