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खण्डहर बोल रहे हैं

540.00

‘‘सब गधे इकट्ठे हे गये हैं।’’ शहंशाह अपनी रिश्ते में अम्मी, परन्तु मन से प्रेमिका और प्रत्यक्ष में बहन महताब बेगम को कह रहा था। शहंशाह अजमेर से अभी-अभी लौटा था और आगरा के शाही महल में पहुँचते ही महताब बेगम को बुला सामने बैठाकर बता रहा था। राजपूतों पर अपनी चतुराई से विजय की कहानी बताकर उसने प्रशंसा का उक्त वाक्य कहा था।

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Description

Set of three books.
खण्डहर बोल रहे हैं – भाग 1
खण्डहर बोल रहे हैं – भाग 2
खण्डहर बोल रहे हैं – भाग 3

‘‘भैया ! महताब ने पूछा, ‘‘इन गधों में तुम किन-किन को शामिल करते हो ?’’
‘‘सबसे बड़ा गधा अकबर है। वह समझा था कि वह अपने बाप से भी ज़्यादा अक्लमन्द हो गया है। वह कल का छोकरा अपने बाप आलमगीर की ज़िन्दगी के हालात को बिना जाने उससे दुश्मनी करने चल पड़ा है।’’
‘‘तो भैया ! क्या अपने बेटे को मरवा डाला है ?’’
‘‘मरवा ? नहीं बेगम। मुझे उस पर रहम आ गया था।’’

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