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प्रथम उपन्यास ‘‘स्वाधीनता के पथ पर’’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं।
विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन आरम्भ किया तो उनको ज्ञान का अथाह सागर देख उसी में रम गये।

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Description

पिछले साठ सालों से स्कूल जाने वाले हर बालक-बालिका के मुख से तथा जनता के मुँख से यह गवाया जाता रहा है- मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना- जबकि तथ्य यह है कि पिछले पन्द्रह सौ वर्षों में विश्व में जितना खून मज़हब के नाम पर बहा है, उसकी कोई तुलना नहीं है। कत्ले-आम, बलात्कार, अत्याचार का तो कोई हिसाब नहीं।

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