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- ₹550.00
- Aur Jamana Badal Gaya
- Jamana Badal gaya series-4
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- अनदेखे बंधन Out of stock
- ‘अनदेखे बंधन’ जैसा कि नाम से ही विदित होता है, यह गुरुदत्तजी का एक सामाजिक उपन्यास है जिसमें उन्होंने ग्रामीण व शहरी विचारधाराओं का बड़ा ही अनोखा समन्वय प्रस्तुत…
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- ₹40.00
- अन्तिम यात्रा
- इस पुस्तक के लेखक श्री वैद्य गुरुदत्त जम्मू-कश्मीर आन्दोलन में डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथ दो बार जेल भेजे गए थे। पहली बार जब डॉ.साहब, श्री निर्मलचन्द्र चटर्जी (प्रधान, हिन्दू महासभा),…
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- ₹65.00
- अपने पराये
- (1894 & 1989) शिक्षा : एम.एस.सी. प्रथम उपन्यास ‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद,…
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- ₹60.00
- अवतरण
- एक बार हमारे मुहल्ले के एक मन्दिर में महाभारत की कथा रखायी गयी। यह वे दिन थे, जब आर्यसमाज और सनातनधर्म सभा में शास्त्रार्थों की धूम थी। मुहल्ले के कुछ…
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- ₹700.00
- अस्ताचल की ओर
- यह उपन्यास तीन भागों में हैं
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- ₹200.00
- अस्ताचल की ओर – भाग 1
- पण्डित शिवकुमार को त्रिविष्टप की राजधानी में रहते हुए छत्तीस वर्ष व्यतीत हो चुके थे। वह अभी तक भी राजगुरु के पद पर आसीन था। यद्यपि जिस राजा ने उसको…
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- ₹250.00
- अस्ताचल की ओर – भाग 2
- हिमालय की सुरम्य घाटी में मार्तण्ड नामक बस्ती में मार्तण्ड भवन के कुछ अन्तर पर नदी के किनारे एक पक्की कुटिया है। कुटिया के बाहर चबूतरे पर मृगचर्म पर पालथी…
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- ₹250.00
- अस्ताचल की ओर – भाग 3
- श्री गुरुदत्त प्रथम उपन्यास ‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद्, दर्शन इत्यादि शास्त्रों…
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- ₹110.00
- आवरण
- जैसे वस्त्र शरीर का आवरण है अथवा शरीर आत्मा का आवरण है, इसी प्रकार विचार तथा भावनाओं का आवरण भी होता है। वस्त्र की रक्षा करने में कोई भी व्यक्ति…
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- आशा निराशा (out of stock)
- ‘‘माता जी ! पिताजी क्या काम करते हैं?’’ एक सात-आठ वर्ष का बालक अपनी मां से पूछ रहा था। मां जानती तो थी कि उसका पति क्या काम करता है,…
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- ₹300.00
- कामना
- भारतवर्ष की पवित्र व पावन-भूमि पर जन्म लेकर अनेकों साहित्यकारों ने यश व प्रसिद्धि की सीढ़ियां चढ़ीं। और पूरे विश्व में भारत के यश व गौरव को आलोकित किया।
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