भारत का पूर्वांचल, अरुणोदय का प्रदेश, उसी प्रदेश के वन्य प्रान्तों में अनेक जन-जातियाँ निवास करती हैं। उनके अपने-अपने रीति-रिवाज हैं, परम्परायें हैं, प्रचलन हैं, पूजा अर्चना के विविध प्रकार…
भाग्य अवसर प्रदान करता है परन्तु भाग्य स्वमेव लँगड़ा होता है। पुरुषार्थ के बिना सफलता नहीं मिलती। भाग्य हमारे अधीन नहीं, और पुरुषार्थ हमारे अधीन है। जब पुरुषार्थ और भाग्य…
जनवरी सन् 2000 में प्रकाशित ‘‘भाव और भावना’’ में श्री गुरुदत्त जी ने मुख्य-मुख्य राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन घटनाओं का अपने मन पर प्रभाव तथा प्रतिक्रिया व्यक्त…
रथम उपन्यास ‘‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद् दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन…