‘दासता के नये रूप’ में उपन्यासकार ने स्वातन्त्र्योपलब्धि के अनन्तर देशवासियों की दास मनोवृत्ति और पतित आचरण का विश्लेषण किया है। इस दिशा में उनकी यह अत्यन्त सफल अभिव्यक्ति कही…
एक लखपति था और दूसरा मजदूर। एक ठेकेदार था, दूसरा स्कूल-मास्टर। एक नई दिल्ली में बारहखम्भा रोड पर दुमंजिली कोठी पर रहता था, दूसरा बाजार सीताराम के कूचा पातीराम की…
मानसिक दासता का यह लक्षण है कि व्यक्ति अपने स्वामी के गुणगान करने लगता है। शारीरिक दासता और मानसिक दासता में अन्तर होता है। शरीर से दास व्यक्ति मालिक की…
आधुनिक सभ्यता के विकास के साथ-साथ जनता देहातों से निकलकर नगरों की ओर आ रही है। इसमें कारण है-भौतिक विज्ञान में उन्नति। सड़कें, नालियाँ, बिजली, पानी, भव्य भवन तथा अन्य…
‘‘पिताजी ! प्रज्ञा कहां है ?’’ ‘‘अपनी ससुराल में।’’ ‘‘तो आपने उसका विवाह कर दिया है ?’’ ‘‘नहीं, मैंने नहीं किया। उसने स्वयं कर लिया है, इसी कारण तुम्हें सूचना…
बनते हुए नगरों में, जहाँ महल और अटारियाँ निर्मित होती हैं, वहाँ दो-चार गन्दी बस्तियाँ भी बन जाती हैं। नगर-निर्माण कार्य में जहाँ लाखों रुपये लगाने वाले ठेकेदारों और इमारती…