प्रथम उपन्यास ‘‘स्वाधीनता के पथ पर’’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन…
प्रथम उपन्यास ‘स्वाधीनता के पथ पर’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। विज्ञान की पृष्ठभूमि पर वेद, उपनिषद् दर्शन इत्यादि शास्त्रों का अध्ययन…
स्वर्गीय श्री गुरुदत्त ने सामाजिक, सांस्कृतिक पारिवारिक उपन्यासों के साथ-साथ ऐतिहासिक उपन्यासों की भी रचना की है। इतिहास और ऐतिहासिक उपन्यास, के अन्तर को स्वयं श्री गुरुदत्त भली-भाँति जानते और…
भारतवर्ष में स्वराज्य-प्राप्ति के उपरान्त भौतिकवादियों का नया युग आया है। यों तो इसका बीजारोपण अंग्रेजी राज्य-काल में ही हो गया था, परन्तु इसका विस्तार स्वराज्य-प्राप्ति के उपरान्त ही हुआ…
वीर पुरुषों के बलिदान की कहानी सदा से प्रेरणा का स्त्रोत रही है। मैजिनीगैरीबाल्डी आदि नरपुंगवों की वीर गाथाएँ आज भी विश्व मानव की दमनियों में ऊष्ण रक्त का संचार…