धर्म तथा समाजवाद
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मानसिक दासता का यह लक्षण है कि व्यक्ति अपने स्वामी के गुणगान करने लगता है। शारीरिक दासता और मानसिक दासता में अन्तर होता है। शरीर से दास व्यक्ति मालिक की आज्ञा का पालन तो करता है, परन्तु वह उसको श्रेष्ठ नहीं समझता।
Description
यह अवस्था प्राय: हिन्दुओं की मुसलमानी राज्य में रही। हिन्दू मुसलमान नवाबों और बादशाहों की नौकरी करते थे, परन्तु वे उनको कभी भी अपने से श्रेष्ठ नहीं मानते थे। उनके शरीर तो दास थे, परन्तु मन स्वतंत्र थे और बुद्धि से अपने ज्ञान-विज्ञान को अपने आकाक्षों के ज्ञान-विज्ञान से श्रेष्ठ मानते थे।
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