पथिक
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युवावस्था से ही राजनीतिज्ञों से सम्पर्क, क्रान्तिकारियों से समीप का सम्बन्ध तथा इतिहास का गहन अध्ययन-इन सब की पृष्ठभूमि पर श्री गुरुदत्त ने कुछ उपन्यास लिखे हैं।
Description
हिमालय की तराई में, ठीक जहाँ से पर्वत-श्रृंखला आरम्भ होती है, एक छोटा-सा गाँव है। गाँव का नाम देवा है। यह गाँव स्वच्छ, निर्मल जल वाली नदी के किनारे बसा है। नदी को वहां के लोग पद्मा के नाम से जानते हैं। नदी के किनारे पर एक आम की बगिया है और बगिया में एक मकान है जो बाहर से देखने पर मन्दिर प्रतीत होता है। परन्तु इसमें किसी देवता की मूर्ति स्थापित नहीं की गई है।
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