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भूल
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स्त्री, समाज में नये आने वाले सदस्यों की जननी है। स्त्री उनको समाज की उपयोगी अंग बनाने की प्रथम शिक्षिका है। वह समाज में सुख शान्ति का सृजन करती है।
Description
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में जो स्थान श्री गुरुदत्त का है वह शायद ही किसी अन्य उपन्यासकार का हो। श्री गुरुदत्त ने आजीवन साहित्य साधना के फलस्वरूप न सिर्फ अपना वरन् भारत की पवित्र व पावक धारा का नाम विदेशों में आलोकित किया।
Additional information
Weight | 100 kg |
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